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बैतूल….
मध्यप्रदेश के बैतूल में सेल्फी लेने के चक्कर में दो युवकों की जान चली गई। रेलवे पुल पर फोटोग्राफी करते समय दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसे में दोनों की मौत हो गई। इनमें से एक लड़का फोटोग्राफर था और दूसरा BSc नर्सिंग का छात्र था। दोनों का शव शनिवार रात शाहपुर में रेलवे पुल के पास क्षत-विक्षत हालत में मिला।
शाहपुर थाना प्रभारी एसएन मुकाती के मुताबिक शाम करीब 7 बजे सूचना मिली थी कि दो युवकों के शव बरबटपुर स्टेशन के पास माचना नदी के रेलवे पुल पर पड़े हैं। जिसके बाद पुलिस ने दोनों शवों को पीएम हाउस भिजवाया। अगले दिन सुबह शिनाख्त हुई। एक मृतक मुनील मर्सकोले (19) और दूसरे की पहचान मुकेश मंगल (21) है।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि दोनों शाम को बरबटपुर पुल पहुंचे थे। पुल के नीचे बाइक खड़ी करने के बाद पुल पर चले गए। मुनील के पास खुद का कैमरा भी था। यहां दोनों मोबाइल और कैमरे से फोटोग्राफी में इतने मशगूल हो गए कि उन्हें ट्रेन आने का पता ही नहीं चला। इसी दौरान दोनों वहां से गुजर रही दरभंगा एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। हादसे में मुनील का सिर धड़ से अलग होकर दूर फिंका गया, जबकि मुकेश का शरीर इंजन के साथ आकर पुल से बाहर गिरा।
शादी में जाने का कहकर निकले थे घर से
मुनील के माता–पिता नहीं हैं। वह अपने मामा के पास रहता था। उसके पास कैमरा भी था। जिसकी मदद से वो शादी, बर्थडे व अन्य इवेंट्स में फोटोग्राफी करता था। वहीं, मुकेश बगडोना काॅलेज में BSc नर्सिंग का छात्र था। दोनों घर से कोटमी में शादी में जाने का कहकर घर से निकले थे।
मौके से कैमरे का बैग मिला
पुलिस को मौके से कैमरा रखने का बैग मिला है। हालांकि इसमें कैमरा नहीं मिला। आशंका है कि फोटोग्राफी और हादसे के बीच कैमरा पुल से नीचे नदी में गिर गया होगा। शाहपुर में माचना नदी के पुल के पास ट्रैक के निरीक्षण पर निकले रेलकर्मी ने युवकों के शवों को GRP को सूचना दी।
पहले GRP ने भगा दिया था
GRP पुलिस का कहना है कि शाम को दोनों युवक बरबटपुर रेलवे स्टेशन पर फोटोग्राफी कर रहे थे। इस दौरान GRP जवानों ने उन्हें डांटकर भगाया भी था। इसके बाद वे माचना नदी के पुल पर पहुंच गए। उसी दौरान हादसा हो गया।
लोको पायलट ने रोते हुए दी सूचना
रेलवे सूत्रों के मुताबिक एक्सप्रेस के लोको पायलट ने घटना की सूचना रोते हुए अगले स्टेशन मगरडोह पर दी। जिस समय लोको पायलट संजय कुमार और सहायक मनीष यह सूचना दे रहे थे। उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे। उन्होंने कई बार हॉर्न बजाया। ट्रेन को कंट्रोल करने की कोशिश भी की, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
jsamachar
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